Saturday, June 23, 2007

दुनिया जिसे कहते हैं

Another favorite ghazal of mine by Jagjit Singh and Chitra Singh ...
written by Nida fazli


दुनिया जिसे कहते.. जादू का खिलौना है ..
मिल जाये तो मिट्टी है .. .खो जाये तो सोना है ..

दुनिया .. दुनिया...

अच्छा सा कोइ मौसम .. तन्हा सा कोइ आलम
हर वक्त का रोना तो .. बेकार का रोना है ..

दुनिया जिसे कहते हैं ..जादू का खिलौना है ..

बरसात का बदल तो .. दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है .. किस छत को भिगोना है ..

दुनिया जिसे कहते हैं .. जादू का खिलौना है ..

गम हो की ख़ुशी दोंनों. ..कुछ देर के साथी हैं
फिर रास्ता रास्ता है .. हंसना है ना रोना है ..

दुनिया जिसे कहते हैं .. जादू का खिलौना है ..

2 comments:

रवि रतलामी said...

हिन्दी ब्लॉगिंग की दुनिया में आपका स्वागत् है.

wandering soul said...

shukriya